THE BASIC PRINCIPLES OF SHIV CHALISA LYRICSL

The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl

The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl

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वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देखि नाग मन मोहे॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

बृहस्पतिदेव की कथा

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ वेद नाम महिमा तव गाई।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा Shiv chaisa लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।

जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।

सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

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